गुरुवार, 15 अगस्त 2013

"आवो सफल होने की ढूंढे कला"

आवो सफल होने की ढूंढे कला,
असफल रहेंगे कब तक भला !

पहले मुखर करके मन में अभिलाषा,
परिश्रम से उसको जाता है तराशा,
फिर पूर्ण क्षमता का लगागे पासा,
....ठोस कुछ करने की ठानो,
सबकी सुनो पर मन की मानो,
विफलता मात्र एक पड़ाव है जानो !

नयी संभावनायों की करे तलाश,
कोई विपदा कर न पाए निराश,
उपरवाले से रखो जीभर के आस,
राहों में गिरके संभलने में क्या बुराईयाँ,
कोसिसो में छिपी कामयाबियाँ,
सब्र व् लगन ही सफलता की निशानियाँ !!

बुधवार, 14 अगस्त 2013

मेरी चाहत "कुछ पंक्तिया साजन से सजनी को, पति से पत्नी को-"


गुजारिश करके तो सब पाते उपहार,
मेरी अभिलाषा तुम्हे मिले बिन मांगे अपार,
चाँद तारे तोड़कर लानेवाले वादे बेकार,
ऐसे सपने सजाना जो हो सके साकार !
 
....लगी रहे प्यार की मन में लगन,
हँसते चहरे से ही मेरी दुनिया मगन,
तुम साथ हो तो इरादे छूएंगे गगन,
और जिंदगी लगेगी खुबसूरत सजन !
 
...युही समझते रहना इस दिल को, 
सँभालते रहना मेरी हर पल धड़कन,