बुधवार, 14 अगस्त 2013

मेरी चाहत "कुछ पंक्तिया साजन से सजनी को, पति से पत्नी को-"


गुजारिश करके तो सब पाते उपहार,
मेरी अभिलाषा तुम्हे मिले बिन मांगे अपार,
चाँद तारे तोड़कर लानेवाले वादे बेकार,
ऐसे सपने सजाना जो हो सके साकार !
 
....लगी रहे प्यार की मन में लगन,
हँसते चहरे से ही मेरी दुनिया मगन,
तुम साथ हो तो इरादे छूएंगे गगन,
और जिंदगी लगेगी खुबसूरत सजन !
 
...युही समझते रहना इस दिल को, 
सँभालते रहना मेरी हर पल धड़कन,
बसाये रखना नैनों में नैन और मन में मन,
और देखना मेरी चाहत बढती रहेगी यक़ीनन !

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