शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

"बी कॉम "


उसने पास करली थी बी कॉम
करना था अब कोई शुभ काम
चढ़ गया सर कमाने का गान !

काटे थोड़े दिन गाँव में और
फिर चढ़ गया सिटी बेंगलौर
भटका सिटी का हर छोर
कही पाता "वेकेंसी नो मोर"
कही पूछते आता है 'कंप्यूटर'
नहीं तो तुम 'डू नोट एन्टर'
कही पूछते आती है अंग्रेजी
नहीं तो 'ये लो तुम्हारी अर्जी' !

हो गया भटक भटक कर परेशान
सुनाया अपने यार को पूरा गान
तमन्ना थी मिले अफसरी काम
नहीं तो होगा गाँव जाकर बदनाम
यार ने कहा, पकड़ ले कोई भी काम
मिल जायेंगे रूपये हज़ार-दो हज़ार
नहीं तो भटक कर हो जायेगा बीमार
रहना पड़ेगा फिर जिंदगी भर बेकार !!

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