सोमवार, 28 मार्च 2016

भारत की होली

मस्त है भारत के रंगो की होली 
बुरा ना मानना यह कहकर
कर देते है बुरा हाल हमजोली !
मनचले सिर्फ गुलाल के बहाने, 
उड़ेल देते है कई रंगो की डोली, 
डराएं सजे संवरो को ये रंगीलो वाली टोली !
कई रंग संग लिए हाथो में, 
कर देते है तंग, रंग के भाभी भोली,
फिर चाहे लगे इन्हे गालियों की गोली !

मस्त है भारत के रंगो की होली, 
ये एक ही दिन ऐसा है जब नारियाँ,
नहीं चमकाती चेहरा और न लगाती लाली !
मस्त है भारत के रंगो की होली, 
पीकर भंग, चढ़ाके जोश उमंग,
मधु हो जाती है मर्दो की बोली !
मस्त है भारत के रंगो की होली, 
ये एक ही दिन ऐसा है,
जब मर्दो की रंगो के बहाने,
भर जाती है मस्ती की झोली ! 

आनंद दाधीच "मंजुषा" (बेंगलौर)

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