मेरा एक दोस्त मिला, मैंने पुछा तू नेता कैसे बन गया,
उसने 'हाई' कहा और पूरी कहानी यूँ जल्दी बोल गया!
पढाई बहुत की, फिर भी आठवी फ़ैल हो गया,
पिटाई घरवालो ने की, कक्षा से नाम कट गया !
गली में गुल्छरे की, गली दादा बनता गया,
एक बार हुई लड़ाई, मार खाकर घर गया !
माँ बाप ने देख हाल, तुरंत सामान पैक किया,
आठ अगस्त को कमाने शहर विदा किया!
नौकरी मीली, जहाँ फलो की टोकरी ढोता रहा,
आठ महीने गुलामी की फिर एक हादसा हुआ !
अचानक फलो के गोदामों में कीड़ा लग गया,
साथी नौकरों को "फल-रुआ" नामक रोग लग गया !
मैंने "फल-रुआ" से बचावो सेठ के सामने नारा दिया,
दो तीन बार सरकारी दफ्तरों पर धरना दिया !
धीरे-धीरे यह अभियान आन्दोलन बन गया,
शहरो में "फल-रुआ' से बचावो नारा गूंज गया !
एक पार्टी ने मुझे सौदा करने को आमंत्रित किया,
मैंने सफ़ेद कुर्ता सिलवाया और "नेता बन गया" !
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